Uttar Pradesh has to be transformed in to Uttam Pradesh: Vice President

The Vice President, Shri M. Venkaiah Naidu addressing the gathering at the Uttar Pradesh Diwas, in Lucknow, Uttar Pradesh on January 24, 2018.
New Delhi: The Vice President of India, Shri M. Venkaiah Naidu has said that the State of Uttar Pradesh has to be transformed into Uttam Pradesh in terms of development and welfare. He was addressing the Lucknow Utsav on the occasion of Uttar Pradesh Diwas, in Lucknow, Uttar Pradesh today. The Governor of Uttar Pradesh, Shri Ram Naik, the Chief Minister of Uttar Pradesh, Shri Yogi Adityanath and other dignitaries were present on the occasion.

The Vice President said that Uttar Pradesh has been a great contributor to the freedom movement and it is important to remember the great figures like Veeranari Rani Lakshmi Bai. He further said that this land is a witness to the martyrdom of Amar Krantikari Mangal Pandey and his companions in 1857.  Shaheed Ram Prasad Bismil, Ashfaq Alla Khan, Mahamana Madan Mohan Malviya, Govind Vallabh Pant, Lal Bahadur Shastri, Jawaharlal Nehru, Acharya Narendra Dev and former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee are the great men from Uttar Pradesh, he added.

The Vice President said that the State Government has taken steps to encourage new entrepreneurs in the direction of self-employment in the state through the Government of India’s monetary policy, Stand-up India, PMFGP, Chief Minister Yuva Swarojgar Yojana and Vishwakarma Shram Samman Yojana. He further said that in the list of this year’s Ease of Doing Business, the state ranked 15th and hoped it will be improved during coming years.

The Vice President said that one of the objectives of the Uttar Pradesh Utsav is to present and promote the rich cultural heritage, literary, artistic and craftsmanship. The experience of poverty eradication and employment generation through tourism in Uttar Pradesh will benefit other states, he added.

Following is the text of Vice President’s address in Hindi:

“मैं उत्तर प्रदेश के 68वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रथम ‘उत्तर प्रदेश उत्सव’ की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देता हूँ।

यद्यपि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद का प्रखर तथा सतत् इतिहास है और जीवंत परंपरा है तथापि प्रदेश का वर्तमान नामकरण 24 जनवरी, 1950 को हुआ।

इस वर्ष पहली बार राज्य सरकार ने 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के रूप में आयोजित करने का संकल्प लिया है जिसके माध्यम से अगले तीन दिन प्रदेश के नव निर्माण की अवधारणा को जनता, निदेशकों, प्रशासकों आदि के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और उनकी सक्रिय भागीदारी आमंत्रित की जायेगी।

राज्य सरकार के 40 विभाग लगभग Rs 24000 करोड़ लागत की विकासोन्मुखी परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर कला, साहित्य, खेल, विज्ञान, तकनीक और शिक्षा के क्षेत्र में प्रख्यात व्यक्तियों को सम्मानित भी किया जायेगा। मैं राज्य सरकार के इस प्रयास का अभिनंदन करता हूँ तथा प्रदेश की 22 करोड़ जनता को स्वयं अपनी तरफ से तथा समस्त देशवासियों की तरफ से कोटिश: बधाई देता हूँ।

मित्रों, जैसा कि मैंने पहले कहा उत्तर प्रदेश का इतिहास समृद्ध और सतत् रहा है। राम और कृष्ण की इस पावन भूमि ने अपने समृद्ध इतिहास में आध्यात्मिक और भौतिक उत्कर्ष देखा है।

1775 में पहली बार अवध के नवाब आसफुद्दौला ने अवध की राजधानी फैजाबाद से लखनऊ स्थानान्तरित की, तब से लखनऊ, अवध की गंगा जमुनी तहजीब का प्रतीक और पर्याय बन गया।

मित्रों, यह सप्ताह प्रदेश के निवासियों के लिए विशेष  महत्व का है। 26 जनवरी को भारत गणतंत्र भी अपनी 68 वीं वर्षगांठ मनायेगा। स्वाधीनता आंदोलन में उत्तर प्रदेश का महान योगदान रहा है। वीरनारी रानी लक्ष्मीबाई जैसे महान् विभूतियों का स्मरण करना जरूरी है। यह भूमि 1857 के अमर क्रांतिकारी मंगल पांडे और उनके साथियों की वीरता की गवाह है। शहीद राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ, महामना मदन मोहन मालवीय, गोविंद वल्लभ पंत, लाल बहादुर शास्त्री, जवाहर लाल नेहरू, आचार्य नरेंद्र देव और पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी जैसे महापुरुषों की कर्मभूमि है उत्तर प्रदेश।

आगामी गणतंत्र दिवस पर इन महान विभूतियों के संघर्ष और समर्पण का स्मरण करने और देश की सेवा के संकल्प को पुन:सिद्ध करने का अवसर होगा।

मित्रों, उत्तर प्रदेश क्षेत्रफल के हिसाब से देश के कुल क्षेत्रफल का भाग 7% है। यद्यपि भारत की कुल आबादी का लगभग 20% भाग उत्तर प्रदेश में रहता है। यह प्रदेश, देश की अर्थव्यवस्था में लगभग 8.5% अंशदान देता है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाइयों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश  में सबसे अधिक ऐसी इकाइयाँ हैं। देश के 8% लघु उद्योग उत्तर प्रदेश में स्थित हैं तथा कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है। इसमें पारंपरिक हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, कालीन, चमड़े के उत्पाद, रेडीमेड गारमेंटस, प्रमुख क्षेत्र है। देश से हो रहे कुल हस्तशिल्प निर्यात का 44% उत्तर प्रदेश से होता है। इसी प्रकार देश के चर्म उत्पाद के निर्यात का कुल 26% उत्तर प्रदेश से होता है।

प्रदेश सरकार ने ‘एक जनपद – एक उत्पाद’ की अवधारणा के माध्यम से परंपरागत शिल्प तथा लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को विकसित कर इस क्षेत्र में  कौशल युक्त रोजगार की नई संभावनाएँ पैदा करने का सराहनीय प्रयास किया है।

इसी प्रकार पारंपरिक शिल्पकारों तथा कारीगरों को प्रशिक्षण देकर उन्हें सर्टिफिकेट दिया जा सकता है जिससे उन्हें अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए सरकारी योजनाओं से सहायता मिल सकेगी और बैंक ऋण प्राप्त हो सकेगा।

मुझे हर्ष है कि राज्य सरकार ने भारत सरकार की मुद्रा योजना, स्टैंड अप योजना, PMFGP, मुख्य मंत्री युवा स्वरोजगार योजना तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से प्रदेश में नव उद्यमियों को स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाये हैं। गत वर्ष Ease of Doing Business की सूची में प्रदेश का स्थान 15वाँ था। इस स्थिति में सुधार की बहुत संभावनाएँ हैं।

मुझे यह जानकर संतोष है कि राज्य सरकार निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतिगत तथा व्यवसथागत बदलाव कर रही है। आपके प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।

उत्तर प्रदेश उत्सव का एक उद्देश्य यहाँ की समृद्ध सांस्कृतिक, साहित्यिक, कलात्मक तथा शिल्प परंपरा को प्रस्तुत करना तथा प्रोत्साहित करना भी है। पर्यटन के माध्यम से गरीबी उन्मूलन तथा रोजगार सृजन के आपके अनुभव अन्य राज्यों को भी लाभान्वित करेंगे।

मुझे यह जानकर हर्ष है कि राज्य सरकार भारत सरकार की  ‘प्रसाद स्कीम’ के माध्यम से पर्यटन केंद्रों पर Tourism infrastructure तैयार कर रही है। मुझे आशा है कि प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर आज की पीढ़ियों को भी रोजगार प्रदान करेगी।

ग्रामीण एवं कृषि विकास के क्षेत्र में मुझे यह जानकर हर्ष है कि प्रधानमंत्री  ग्राम आवास योजना के तहत 8.80 लाख आवासों की स्वीकृति देकर 99% लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।

मित्रों,मैं एक बार पुन: राज्य के 75 जनपदों में निवास कर रही 22 करोड जनता को प्रदेश के उत्सव की हार्दिक बधाई और आगामी इन्वेसटर समिट-2018 की सफलता के लिए शुभकामनाएँ देता हूँ। आपके कर्मठ और प्रगतिशील मुख्यमंत्री को भी मैं शुभकामनाएँ देना चाहता हूं। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना है।

जय हिंद!”

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